वोडाफोन और आईडिया का प्रस्तावित मर्जर भले ही जिओ को टक्कर देने में कामयाब हो जाए लेकिन इससे पहले कंपनी में काम कर रहे हज़ारों कर्मचारियों की नौकरीयों प...
वोडाफोन और आईडिया का प्रस्तावित मर्जर भले ही जिओ को टक्कर देने में कामयाब हो जाए लेकिन इससे पहले कंपनी में काम कर रहे हज़ारों कर्मचारियों की नौकरीयों पर खतरा मंडराने लगा है. एक अनुमान के मुताबिक इन दोनों कंपनियों के मर्जर से करीब 5000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. उम्मीद है की अगले कुछ ही महीनों में दोनों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों कंपनियों का घाटा चरम पर है और इन पर लगभग एक लाख बीस हज़ार करोड़ से भी ज्यादा का कर्जा है. घाटे को कम करने हेतु कंपनी कर्मचारियों की छंटनी करेगी. अभी आईडिया में 11 हज़ार और वोडाफोन इंडिया में लगभग 10 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं. इसलिए विलय की प्रक्रिया को देखनेवाली नोडल टीम ने दोनों कंपनियों को अगले दो महीने में 5,000 कर्मचारियों की छंटनी करने को कहा है.
वोडाफोन और आईडिया का मर्जर होने के बाद नई कंपनी के देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी जिसका टेलिकॉम मार्केट में 42 प्रतिशत हिस्सा होगा. मौजूदा समय में भारती एयरटेल टेलिकॉम मार्केट में 37 प्रतिशत हिस्से के साथ सबसे बड़ी कंपनी है. मर्जर के बाद कंपनी को जियो को टक्कर देने में भी आसानी होगी. जियो के ग्राहकों को अपने पक्ष में करने के लिए नए ऑफर और प्लान लेकर के आ सकती है जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा. मर्जर के बाद आइडिया और वोडाफोन एक ही नेटवर्क का उपयोग करेंगी और ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
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