नर्मदा के घाट पर बनी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊँची प्रतिमा का आज उनकी 143 वीं जयंती के मौके पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने कर ...
नर्मदा के घाट पर बनी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊँची प्रतिमा का आज उनकी 143 वीं जयंती के मौके पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने कर कमलों से अनावरण किया. दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को देश को समर्पित किया.
आपको बता दें कि सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है. बुनियादी ढांचे से जुड़ी दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बन रही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है.
इस प्रतिमा को बनने में केवल 33 माह लगे जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड है. रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया. जबकि चाइना की स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में 11 साल का वक्त लगा. इस प्रतिमा के निर्माण में करीब 2,989 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से केवल 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जबकि इसका कुल वजन 1700 टन है.
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of unity) का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है. इस प्रतिमा के अनावरण के मौके पर 153 मीटर ऊंची इस दर्शक दीर्घा में एक समय में अधिकतम 200 आगंतुक उपस्थित हो सकते हैं. यहां से सरदार सरोवर बांध, इसके जलाशय और सतपुड़ा एवं विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का मनोरम दृश्य नजर आता है. मूति में दो हाई स्पीड लिफ्ट भी होंगी, जिससे एक समय में करीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं. यहां एक संग्रहालय में सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर लाइट एंड साउंड शो भी होगा.
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